
मुझे क्लास 10 से ही सेक्स करने की इच्छा बहुत ज़ोर की थी. मैं हमेश एक शादीशुदा औरत के साथ ही पहली बार सेक्स करना चाहता था क्यूंकी वो बहुत एक्सपीरियेन्स और को-ओपेरावे होती हैं |
बात उस समय की है जब मैं 12 मे पढ़ा करता था. मैं इंग्लीश के ट्यूसेन के लिए एक सर के घर जाता था. हम लोग 5 दोस्त एक साथ जाते थे. टीचर हम सब को दोपहर 3 बजे बुलाते थे और 5 बजे छोर देते थे. हम लोग रोज ट्यूसेन जाते थे.
सर भी शादीशुदा थे और सर की बीवी एक दम मस्त थी और बहुत ही खूबसूरत थी. जिस दिन से ,मैं बस उसी के बारे मैं सोचता था. उसका नाम रश्मि था.
मैं आपको रश्मि के बारे में बता दूं, सोनिया का कद 5'.4" है, 27 वर्ष की उम्र, गोरा रंग और सांचे में ढला हुआ बदन है, चेहरा ऐसा जैसे बनाने वाले ने पूरी फुर्सत से बनाया हो ताकि कहीं कोई कमी न रह जाये,
मुस्कुराये तो ऐसा लगे कि जैसे मोती गिर रहे हो और बोले तो ऐसा जैसे कोयल कुहुक रही हो।
बड़ी बड़ी आँखें, तीखी नाक, पतले गुलाबी होंठ, चांदी जैसे दमकते कमर तक लम्बे बाल, चेहरा बस ऐसा कि जो देख ले उसका दिन बन जाए बस।
उनकी बदन का नाप है 36-32-34, रश्मि बहुत सुन्दर हैं, मस्त माल है !
क्या कहूँ मस्त चूचे मोटे-मोटे, बड़ी गाण्ड जो बाहर को निकली हुई है, जो देखे उसका लंड खड़ा हो जाए। उरोजों को देखकर तो एक बार हाथ लगाने का मन करता ही था मेरा। कमर तो कमाल थी।
जब वो अदा से बल खाकर चलती थी तो उसके भरे हुए नितम्बों को देखकर मेरा पसीना छुट जाता था।
मैं आपको बता दूं, की रश्मि एवेरी आफ्टरनून अपने बेडरूम मे सोती थी और सर हमे हॉल मे पड़ते थे. उसके उठने का टाइम 4.30 प.म. था. वो हर रोज 4.30 के लगभग सो कर उठती थी और गाउन पहन कर बाथरूम के लिए जाती थी |
जो एक कामन बातरूम था, हॉल मे. हम ज़ाहा पढ़ते थे वो प्लेस बातरूम के जस्ट पास ही थी. और वो टाय्लेट करती थी तो उसके मूत इतना प्रेशर के साथ निकलता था की उसकी आवाज़ हुमारे कानो तक जाती थी |
बस यही तमन्ना मान मे होती थी के एक बार उसके साथ सेक्स करने को मिल जाए तो ज़िंदगी हसीन हो जाए.
ऐसे ही दिन गुज़रते गये, और कुछ दिन बाद हमारे सर जो वहां की एक स्कूल मे टीचर थे, उनका ट्रान्स्फर हो गया. तभी सिर ने हमे काहा की उनका ट्रान्स्फर हो गया है |
इस लिए हम किसी और टीचर का बंदोबस्त कर लें. फिर सर ने एक ऑप्षन और रखा, की उनकी बीवी भी वोही सब्जेक्ट पढ़ती है, अगर हम चाहे तो उनसे ट्यूसेन ले सकते हैं |
क्यूंकी सिर का ट्रान्स्फर ट्रेंपोररी बेसिस पर हुवा था और उन्हे अभी फॅमिली ले जाने का ऑर्डर और फ्लॅट नही मिला था. इसी लिए सर अकेले जा रहे थे |
मेरे सभी दोस्तो ने माना कर दिया और दूसरे टीचर को जाय्न कर लिए. मगर मैं रश्मि मेडम से ट्यूसेन लेने को राज़ी हो गया. सर ने भी मुझे थॅंक्स कहा. जब सर जाने लगे तो उन्होने मुझे कुछ बाते बताई की मैं अपनी टीचर का ध्यान रखू |
अगर उन्हे कोई चीज़ चाहिए तो उन्हे ला डू, एट्सेटरा. एट्सेटरा. और मैने सर को भरोशा दिलाया की मैं ऐसा ही करूँगा. फिर सिर चले गये. मेडम घर मे एक दूं अकेली. उनको कोई बच्चा भी नही था |
फिर मैं मेडम से ट्यूसेन लेना सुरू कर दिया और कुछ ही दिन मे मैं मेडम का दोस्त भी बान गया और मेडम मेरी दोस्त बन गई. मैं मेडम का बहुत ख़याल रखता था और मेडम मुझे एक स्टूडेंट की तरह बहुत प्यार भी करती थी |
धीरे धीरे 1 मंथ बीत गया.
फिर एक दिन मैने मेडम से काहा मेडम आपको सी की याद नही आती, मेडम ने काहा याद तो बहुत आती है मगर कोई और रास्ता भी तो नही है |
फिर मैने मेडम को हिम्मत करके कहा मेडम एक बात पूचु तो मेडम ने काहा तुम मुझसे कुछ बोलो उससे पहले मैं तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूँ |
तो मेडम ने काहा की “जब हम दोनो एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हैं और दोस्त भी हैं तो फिर आजसे तुम मुझे मेडम नही बल्कि रश्मि बोलॉगे|
और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर मे ही तो रहते हो इस लिए मुझे मेडम सुन ना अच्छा नही लगता.” मैं राज़ी हो गया. फिर रश्मि ने कहा की तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैने बहुत हिम्मत कर के काहा की सोनिया फिर मैं चुप हो गया |
और आधी बात मे ही रुक गया. तो रश्मि बोली क्या बात है और मैने कुछ नही कहा. फिर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली कहो ना नही तो मुजसे बात मत करना और मुझसे मत पढ़ने आना |
मैने फिर कहा की तुम बुरा तो नही मनोगी तो उसने कहा नही फिर मैं बोला की तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नही करता. ऐसा कहने पर रश्मि चुप हो गयी और मेरी तरफ असचर्या से देखी |
मैं डर गया था और मैने उसे सॉरी कहा तो उसने कहा की तुम्हे सॉरी नही बल्कि मुझे तुम्हे थॅंक्स कहना चाहिए. तुम्हे मेरा कितना ख़याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख़याल नही. और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया |
फिर हम साथ मे डिन्नर किया और मैं अपने घर चला गया |
फिर कुछ दिन बाद, मैं एक दिन रश्मि के घर गया मगर वो घर मे दिखाई नही दे रही थी. मैं हर एक रूम देखह रहा था मगर वो कहीं नही थी |
फिर मैने एक बातरूम का गेट खोला और मैने वो देखा जो मैने कभी सोचा भी नही था. बातरूम का गाते लॉक नही था और जैसे ही मैने गेट खोला तो देखा की रश्मि अपने बाथरूम के कॉमोड पाईं मे बैठी थी|
. उसका गाउन, ब्रा और पॅंटी पास ही मे रखे थे. वो एक दम न्यूड थी और उसने अपने लेफ्ट हॅंड की तीन उंगली अपने चूत मे घुसा रखी थी और राइट हॅंड से अपनी चुची को दबा रही थी. उसकी आँखे बंद थी |
और वो मज़ा ले रही थी. मैं करीब 5 मिनिट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा. मेरा लॅंड पूरा खड़ा और करा हो गया था और मेरा मान कर रहा था |
की अभी उसे चोद दूं. मगर मैने अपने आप को संभाला कर रखा. कुछ देर बाद मैने काहा रश्मि यह क्या! रश्मि बिल्कुल डर गई
और अपनी उंगली बाहर निकल कर अपने गाउन से अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ देखती हुई अपने रूम मे चली गई. मैं हॉल मे एक सोफा पर बैठ गया |
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मेरे पास बैठ गई और कहने लगी. तुम्हे क्या पता एक शादी शुदा औरत इतने दिन अपने पति के बगैर कैसे रह सकती है|
सेक्स तो हर एक को चाहिए और ऐसा कह कर मुझ से लिपट कर रोने लगी. फिर मैने उसे संभाला. फिर उसने मुझे यह बात किसी से नही कहने को कहा, उसके पति से भी नही. मई राज़ी हो गया |
फिर मैने काहा की अगर तुम्हे सेक्स की इतनी ही चहहात है तो मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूँ. ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गई और मुझे फिर से एक चुम्मि दी और काहा “साच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे |
और मेरे पति को भी नही बताओगे. तुम कितने आचे हो”. ऐसा कह कर वो मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों मे दबाने लगा |
और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे. फिर मैं जाने की लिए उठने लगा तो उसने काहा कहाँ जा रहे और. मुझे कब प्यार करोगे. मैने काहा मैं शाम को 8 बजे|.
और फिर चला गया.मैं शाम को उसके घर पहुँचा और अंदर गया तो देखा की उसने एक बहुत ही सुंदर ट्रॅन्स्परेंट सारी पहन रखी है. उसकी बड़ी बड़ी चूची उसके ब्लाउस से बाहर आने को तारप रही थे. उसका पेट पूरा दिखाई दे रहा था |
क्यूंकी वो शादीशुदा थी, उसका जिस्म पूरा हरा भरा था. और मुझे ऐसी ही औरत बहुत आछी लगती थी. उसकी कमर बड़ी बड़ी थी और गोल भी थी. वो पूरी गोरी नही थी पर उसका रंग बहुत ही मस्त था. वो बहुत ही सुंदर और गरम औरत थी |
उसका होठ बड़े बड़े और आँख मोटी मोटी थी. उसकी उँगली लंबी लंबी थी. वो सर से पैर तक छोड़ने लायक थी. उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे वो चुद्वने के लिए बिल्कुल तैयार है. वो मुझे अपने कमरे मे ले गई और अपना बेडरूम लॉक कर लिया |
उसके बाल खुले थे. मैने उसे कहा, की आज मैं उसे हर तरह से खुस और उसकी सेक्स की गर्मी को ठंडा कर दूँगा. वो मुस्कुरा कर बोली चलो देखते हैं. उसके ऐसा कहने पर मेरा लॅंड और गरम हो गया |
और मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होठ को चूमने लगा. फिर मैने उसे बेड पर बिताया और उसके पेट पर अपना हांत फेरने लगा. वो भी फिर जोश मे आने लगी और मेरे सिर के बाल को सहलाने लगी |
मैने उसकी चुची को अपने एक हांत से ज़ोर से पाकर लिया और दबाने लगा | वो पहले तो तोरा दर्द से चीखी फिर शांत हो गई और मैं उन्हे दबाता रहा और ऐसा करते करते उसके सारी के पल्लो को उपर से गिरा दिया.
और धीरे-धीरे उसकी सारी खोल दी. वो अपने पेटीकोट मे और ब्लाउस मे थी| फिर उसने मेरे शर्ट और पैट को उतार दिया. मैं सिर्फ़ अंडरपॅंट मे था. उसने मुझे बेड पर लीटा दी और मेरे उपर सो गयी और मेरी छाती को चूमने और चाटने लगी |
उसके ऐसा करने पर मुझे लगा की यह पूरी एक्सपीरियेन्स्ड है. और मुझे फिर उसके चूत की गर्मी का भी आनदाज़ा हो गया. वो मुझे कुछ देर तक चूमती रही और काहा की तुम मेरी चूची का मज़ा नही लेना चाहते |
और ऐसा कहता कहते उसने अपना ब्लाउस उतार दिया. उसकी दोनो बरी बरी चोंची को देख कर मैं हैरान रह गया. उसकी निपल ब्राउन रंग की थी और उसकी छोची का रंग बिल्कुल गोरा था|
मैने उसे एकबार मे बेड पर लेता दिया और उसके उपर चार कर उसकी एक छोची को चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा. वो ज़ोर से आहैण भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा.मैने ऐसा ही किया|
उसने मेरे सिर को पीछे से पकड़ कर ज़ोर से अपने चुची पर रगार्ने लगी. ऐसा लगता था जैसे वो अपनी पूरी चूची मेरे मूह मे भर देना चाहती है. कुछ दर बाद मैने उसके पेटीकोट का नडा खोल दिया और उसे उतार कर फेड दिया |
वो एक सुंदर फुलो वाली पिंक रंग की पनटी पहनी हुई थी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था की आभी अपना गरम लॅंड उसके चूत मे घुसा डू|
उसकी गोरी जंघे मोटी मोटी और अची शेप मे थी. मैने उसे पूछा की तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो. तो उसने कहा की वो मुझे ज़्यादा मज़ा नही देते. मेरी चूची को कुछ देर चूस्ते हैं और अपना लॅंड मेरे चूत मे डाल देते हैं |
और कुछ ही देर मे झाड़ जाते हैं. मुझे तो झरने का मौका ही नही मिलता. तुमने मुझे जिस दिन बातरूम मे उंगली करते देखा था वो तो मे उनके होती हुए भी करती हूँ. मैने काहा और कुछ नही करती हो. उसने काहा और होता ही क्या है |
तो मैने उसे कहा की तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है. उसने कहा सच, अगारी ऐसा है तो जल्दी करो ना.और ऐसा कहने पर मैने उसकी पनटी को धीरे धीरे उतार दिया. मैने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था |
मैने पहली बार किसी औरत की छूट को ऐसे देखा था. उसका चूत बिल्कुल कड़ा था. उसपर हल्के हल्के ब्राउन रंग के बॉल चारो तरफ थे|
मैने फिर अपना अंडरपॅंट उतरा तो मेरा भी मोटा और 7” लाम्बड़ लॅंड देख कर वो बोली की ऐसे लॅंड से चुद्वने का मज़ा मुझे पहली बार आयगा|
मैने कहा इसे टेस्ट करना चाहोगी. उसने कहा मुझे घीन आयगी. तो मैने कहा कर के तो देखो.फिर मैने उसे बिना कुछ कहे उसके दोनो पैर को छोरा किया और उसके पैरो के बीच बैठ कर उसकी चूत मे एक चुम्मि दे दी|
ऐसा कहने पर उसने कहा, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे घिन आयगी. मैने कहा, इसी मे तो सारा माज़ा है. और फिर मैने उसे अपनी जिब से चाटना सुरू किया और उंगली से उसको फैलने लगा.. ऐसा करने पर उसे बहुत दर्द हो रहा था|
उसने मुझे ऐसा नही कहने को कहा मगर मैं काहन सुनने वलता. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी. और मैं पूरी ज़ोर से उसके चूत को चूस रहा था. उसके चूत मे एक बहुत ही सुंदर खुसबू आ रही थी. उसका चूत बोहुत गरम था|
मैं करीब 15 मिनिट तक उसके चूत को चूस्ता रह. कुछ देर बाद उसे आछा लगने लगा.
मैने उससे पूछे आब कैसा लग रहा है तो उसने कहा आब कुछ आछा लग रहा है. मैने फिर अपनी दो उंगली उसके गरम चूत मे घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी कड़ी थी की वो अंदर नही जा रही थी|
मैं आप सब को एक बात बता दूं. मैं बहुत सारी ब्लू फिल्म देखता हूँ और मुझे मालों है की किस लड़की को किस तरह छोड़ना चाहिए. तो चूँकि उसकी चूत मे मेरी उंगली नही जा रही थी तो मैं उसके चूत मे अपना तोड़ा सा थूक गिरा दिया|
उसने पूछ यह क्यूँ तो मैने काहा यह इसलिए ताकि तुम्हे दर्द नही हो. और ऐसा करने पर उसकी सुखी छूट गीली हो है और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गई और मैं उसे ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा|
ऐसा करते करते उसका जिस्म काँपने लगा और उसने कहा की तुम अपना मूह और उंगली वाहा से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूँ |
मैने कहा मैं उसे पीना चाहता हूँ इतना कहते कहते वो झाड़ गई और मैने उसके पूरे रस को पी गया और एक बूँद भी नही गिराया. उसने कहा तुमने मुझे बहुत संत्ुस्त किया है और मैं भी आब तुम्हारा लॅंड चूसना चाहती हूँ|
उसने भी मेरा लॅंड अपने मूह मे लिया और उसकी चमरी को पीछे कर के उसके अंदर वेल सेन्सिटिव पार्ट को अपने जिन से रगार्ने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरा पूरा 7” लंबा लॅंड अपने मूह मे लेना चाहती थी.
उसके चूस्ते कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इस लिए मैने अपना लॅंड उसके मूह से निकलना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैने किया मगर मेरे तोड़ा टन ने से मेरा लॅंड उसके मूह से बाहर निकल गया |
और मैं वही झाड़ गया और मेरा सर रस उसके पूरे मूह मे पिचकारी की तरह चिटक गया, कुछ उसके हूटन पर, कुछ उसके गाल पर और चारो तरफ. वो उस पूरे रस को अपने होठ और उंगली से चाटने लगी |
और उसका पूरा मज़ा लेने लगी.. फिर उसने मुझे थॅंक्स कहा और मेरे लॅंड को अपने होठ से सॉफ कर दिया. और आब मुझे अपना लॅंड उसके चूत मे घुसने को काहा. मैने ऐसा ही किया |
मैने धीरे धीरे अपने लॅंड को उसके चूत मे घुसने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख पारी. फिर मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया और 4” उसके चूत मे डाला . उसका दर्द और भार्गया. वो और ज़ोर से छटपटाने लगी
और मुझे बस करने को कहा. उसने कहा “मेरे पति का लॅंड तो सिर्फ़ 5” का ही है और आब मैं तुम्हारा 7” लंबा लॅंड कैसे घुसौंगी.” मैने काहा तुम उसकी चिंता मत करो और एक और झटका लगाया और मेरा 7” लॅंड उसके छूट मे समा गया.
उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े मगर मैं रुका नही और धीरे धीरे पूरा लॅंड उसके चूत मे डाल दिया. उसका चूत बहुत गरम था. मैं अपने लॅंड को अंदर बाहर करता रहा. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी. चूँकि हम दोनो आभी आभी झाडे थे इस लिए दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नही था. इस लिया मज़ा और ज़्यादा आने लगा. ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झार गयी.
उसकी गरम छूट गीली हो गई. और वो शांत पर गई. मगर मैं रुका नही और मैं उसे चोद्त रहा. उसने मुझे आब रुकने को कहा मगर मैं रुका नही और अपना काम करता रहा. लगभग 10 मिनिट के बाद मैं भी झाड़ गया
और मैने अपना पूरा माल उसकी चूत मे गिरा कर शांत हो कर उसकी बाहों मे सो गया. वो मुझे चूमती रही और मेरे उपर लेट गई.
कुछ देर बाद मैने उसे काहन, आभी तो और एक मज़ा बाकी है. उसने काहा वो क्या. तो मैने काहा, आभी मैं तुम्हारी गान्द मारूँगा जिसमे तुम्हे बहुत माज़ा आयगा. उसे उसके बारे मे कुछ नही मालूम था. उसे लगा इसमे भी बहुत मज़ा आयगा
और वो राज़ी हो गई. फिर मैने उसे उसके बेड के एक कोने मे कुत्ते की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनो हांत बेड के उपर रख दिए. उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच मे.
फिर मैने उसके मूह मे अपनी लॅंड दल दी ताकि वो कुछ गीली हो जाए फिर मैं उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर दिया. उसे आछा लग रहा था. फियर मैने आपना लॅंड आपनी हांतो मे लेकर उसके गांड के छेद पर लगाया
और अपने हाथ से पाकर कर एक धक्का मारा. मेरे धक्के मरते ही वो चीख पारी और कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा. मैने काहा थोड़ा सहन करो. पहली बार है ना. और फिर बार बार धक्का लगता रहा
, बार बार वो चीखती रही और बार बार मेरा लॅंड कुछ आंदार जाता रहा. ऐसा करते करते मेरा लन्न्द 4” अंदर चला गे. उसने मुझसे रोते हुए उसे चोर देने को कहा. मगर मैने उसे समझाया की बस कुछ देर बाद ही उसे मज़ा आयाग.
ऐसा कहने पर वो मान गई और मैने फिर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लॅंड 1.5” और अंदर ठेला. ऐसा करते करते मेरा पूरा का पूरा लॅंड उसकी गॅंड मे घुस गया
और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी. फिर मैने अपना लॅंड अंदर बाहर कना सुरू किया और कुछ देर बाद उसेभी मज़ा आने लगा.मैंने ने दोनों बोबों को सहारे के लिए पकड़ रखा था।
हर धक्के के साथ छातियाँ खूब मसली जा रही थी। ऐसा करते करते मैं झाड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गॅंड मे डाल दिया. और फिर उसे बेड मे लेकर लेट गया और उसकी चूची चूसने लगा.
फिर मैं बेड पर लेट गया और उसे मैने अपनी लॅंड पर बैठाया और सोनिया ने धीरे धीरे मेरा सारा लॅंड अपनी गंद मे घुस्वा लिया. वो मेरे लॅंड पर नाचने लगी और मज़ा लेने लगी .
उसने फिर अपनी लंबी उंगली की बड़े बड़े नाइल्स से मेरे गंद के आस पास के एरिया को खरोचने लगी. ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम लग रहा था. फिर उसने मेररी गंद के छेड़ पर अपने मूह का थूक गिराया
और अपनी उंगली मेरे मूह से गीली कर के मेरी गंद मे अपनी उंगली घुसने लगी .
मुझे पहली बार बहुत दर्द हुवा और कुछ देर बाद मज़ा आने लगा और वो करीब 15 मीं. तक ऐसा करती रही. ऐसा करते करते हम दोनो कब सू गया ह्यूम मालूम ही नही चला. फिर सुबह हुई और हम दोनो एक दूसरे की जिस्म से लिपटे हुए उठे
और जब भी मौका मिलका मैं उसे दिन मे भी चोद्ने लगता. हम दोनो फिर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैने उसे हर एक पोज़ मे चोदा और मज़ा दिया.
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